भाई बहन का प्यार (कविता)-17-Aug-2024
विषय- मेरे भैया शीर्षक- भाई बहन का प्यार
भाई-बहन का रिश्ता जग में है सबसे ही न्यारा, बहन भाई की लाडली होती भाई आँख का तारा।
इस रिश्ते का मोल न कोई प्रेम-सम्मान से है सराबोर, प्यार-समर्पण,त्याग-तपस्या का ना इसमें छोर। अंशुमान की प्रथम अंशु सा यह जीवन को करेे अजोर, कोई शर्त न इस रिश्ते में यह रिश्ता है सुरमई भोर। मधु सा मीठा है यह रिश्ता कभी ना होता खारा, बहन भाई की लाडली होती भाई आँख का तारा।
सारे रिश्तों में यह रिश्ता सबके लिए है खास, इसमें सदा बना है रहता प्यार और विश्वास। घर-परिवार में ही ना देश-समाज में लाए उजास, भाई एक सितारा ऐसा जिससे जगमग आकाश। बचन दिया रक्षा का तो उसने पूरा कर डारा, बहन भाई की लाडली होती भाई आँख का तारा।
नि:स्वार्थ यह रिश्ता होता ख़ुशी के फूल खिलाता, सुख आए या आए दुख दोनों पर साथ ही आता। एक का दुख दूजे का होता सुख दोनों को भाता, यह रिश्ता है ऐसा जिसमें धर्म न आड़े आता। जिस बहना का भाई है उसका तो जग है सारा, बहन भाई की लाडली होती भाई आँख का तारा।
साधना शाही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
Babita patel
17-Jan-2025 07:19 PM
👌👌
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kashish
29-Sep-2024 01:20 PM
Amazing
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madhura
20-Aug-2024 02:26 PM
Nice
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